A SECRET WEAPON FOR प्रेरणा कैसे पाएं

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पंचतंत्र की कहानी: ऊंट के गले में घंटी

एक दोपहर एक लोमड़ी जंगल से गुजर रही थी और एक उदात्त शाखा के ऊपर से अंगूरों का एक गुच्छा देखा।

सभी ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है। 

“In 2014 I broke my backbone in a very skiing accident. In fact, I broke about ten bones—six of them have been in my back again. I could not functionality by myself for various months and relied on my relatives and husband to do everything for me. Currently being in that problem was humbling, but it absolutely was also extremely unexciting. Binge-observing a myriad of shows and movies sooner or later became monotonous. That’s Once i began to style and design. Just after my accident, I used to be in bed for some several hours of your day. My pajamas and sleepwear turned uncomfortable.

कलाम एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे जिन्होंने सादगी और विनम्रता से जीवन जीया।

पंचतंत्र की कहानी: खटमल और बेचारी जूं – bedbugs and lice Tale in hindi

अरे उल्लू भाई यह हंसिनी है मेरी पत्नी है रात में हम दोनों साथ में आये थे अब साथ में जा रहें हैं। 

अंधे साधु का राज

चूंकि शेर हर को मारने वाला था, एक हिरण उस रास्ते से भागा। शेर लालची हो गया। उसने सोचा;

इस प्रसंग से सीख – हमें कभी भी अपने ऊपर घमंड नहीं करना चाहिए. आनंद जी को गाँधी जी का अनुयायी होने का घमंड था.

पंचतंत्र की कहानी: बंदर और लाल बेर – bandar aur lal ber ki kahani

“Once i was forty many years previous, my spouse died of the exceptional liver sickness. She was 34. At some time, we experienced a 10-year-previous daughter and I used to be the co-operator of a silkscreen business enterprise in San Francisco. Right after her Dying, I realized there was a thing even larger I required to do in my existence, but experienced no clue what. So, I marketed my half from the business to my companion and waited for guidance to be aware of what to carry out upcoming. My wife had a great humorousness and, Even though there have been many tears throughout the 3 years here of her terminal health issues, there was a lot of laughter.

लेकिन पिता ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. वह बैठ गये और उनके आँखों से आंसू आ गये.

मिल देखने के बाद शास्त्रीजी मिल के गोदाम में पहुँचे तो उन्होंने साड़ियाँ दिखलाने को कहा। मिल मालिक व अधिकारियों ने एक से एक खूबसूरत साड़ियाँ उनके सामने फैला दीं। शास्त्रीजी ने साड़ियाँ देखकर कहा- "साड़ियाँ तो बहुत अच्छी हैं, क्या मूल्य है इनका?"

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